भोपाल। जिस व्यापमं घोटाले ने मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा की जड़ों को हिलाकर रख दिया, जिस व्यापमं की करतूतों ने प्रदेश पर गहरा दाग लगा दिया, उसका सच क्या एक पेन ड्राइव में छिपा हुआ है? व्यापमं घोटाले को करीब से देख रहे विशेषज्ञों का मानना है कि इस पेन ड्राइव में इस घोटाले से जुड़े बुनियादी सबूत हो सकते हैं, जो पूरे रहस्य से पर्दा हटा देंगे।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्पष्ट आदेश दिया कि वो इस पेन ड्राइव की सीएफएसएल रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे। शीर्ष कोर्ट ही इस रिपोर्ट का सच सबसे पहले जानेगा।
सीबीआई ने इस रिपोर्ट को जमा करने के लिए दो महीने का समय मांगा था, पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि छह सप्ताह के भीतर पेन ड्राइव का सच जनता के सामने होना चाहिए। आइए हम बताते हैं आखिर इस पेन ड्राइव में ऐसा क्या है कि इसने सरकार से लेकर अफसरों तक की नींद उड़ा दी है….
(प्रशांत पाण्डेय)
क्या है पेनड्राइव में?
– सीबीआई को व्यापमं घोटाले से जुड़े दस्तावेज देने वाले प्रशांत पांडे का दावा है कि पेनड्राइव में मूल हार्डडिस्क का डाटा है।
– इंदौर पुलिस ने हार्डडिस्क जब्त कर उसमें मिली एक्सलशीट में छेड़छाड़ की थी।
– पांडे तब इंदौर पुलिस के साथ बतौर आईटी एक्सपर्ट जुड़े हुए थे और हार्डडिस्क से डाटा निकालने का काम कर रहे थे।
– उन्होंने मूल डाटा की एक कॉपी अपने पास भी रख ली। वही कॉपी उन्होंने इस पेनड्राइव में दी है।
– प्रशांत का आरोप है कि इंदौर पुलिस ने जानबूझकर हार्डडिस्क को जब्त करते समय इलेक्ट्रॉनिक सीजर के नियमों का पालन नहीं किया।
– डाटा की हैश वैल्यू नहीं बनाई, जिससे उसे कोर्ट में सही साबित कर पाना मुश्किल होगा।
– प्रशांत अपनी पेनड्राइव में हैश वैल्यू के साथ डाटा होने की बात कर रहे हैं।
पेन ड्राइव पर अब तक ये हुआ
– सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई-2015 में सीबीआई को व्यापमं महाघोटाले की जांच सौंपी थी।
– उसके बाद सीबीआई ने आईटी एक्सपर्ट प्रशांत पांडे से मुलाकात की थी।
– सीबीआई अफसरों और प्रशांत के बीच दिल्ली दफ्तर में तीन से चार बार मुलाकात हुई।
– इस दौरान प्रशांत ने न केवल पेनड्राइव की क्लोन कॉपी सौंपी, बल्कि इसके अलावा और भी बहुत सारे दस्तावेज सीबीआई को दिए।
– इसके बाद सीबीआई प्रमुख से मुलाकात करने व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा और अजय दुबे पहुंचे।
– इनसे सीबीआई प्रमुख सीधे तौर पर नहीं मिले, लेकिन उनके निजी सचिव ने दोनों से मुलाकात कर पूरे दस्तावेज ले लिए।
पेन ड्राइव पर सरकार का रुख
पेन ड्राइव और उसमें मौजूद एक्सल शीट को शासन की ओर से हाईकोर्ट में फर्जी बताया गया है और मुख्यमंत्री से लेकर तमाम भाजपा के पदाधिकारी भी इस एक्सेल शीट को फर्जी बोल चुके हैं।
दिग्विजय सिंह है याचिकाकर्ता
दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को प्रशांत पांडेय की एक पेन ड्राइव और ट्रुथ लैब की रिपोर्ट देकर व्यापमं मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने मांग को ठुकराते हुए कहा था कि पेश किए गए दस्तावेज फर्जी हैं और यह जांच को गलत दिशा की ओर मोडऩे की कोशिश कर रहे हैं।
जांच एसआईटी की मॉनिटिरिंग में हो रही है, एेसे में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। इसके बाद दिग्विजय सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और कोर्ट में उन्होंने याचिका दाखिल कर कहा था कि उनका जीवन निर्विवाद है और उनके ईमान पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। लेकिन हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश ने उन्हें ठेस पहुंचाई है। एेसे में जरूरी है कि उनके मूल अधिकारों की रक्षा हो और सुप्रीम कोर्ट उनकी बात सुने।
Hindi News / Bhopal / इस एक पेन ड्राइव में है पूरा व्यापमं SCAM, छह हफ्ते में सामने होगा सच